Friday, April 2, 2010


किस कदर ख़ास हो गया होगा !
उसको अहसास हो गया होगा !!

दूरियां खुद करीब आएंगी,
मन अगर पास हो गया होगा !

अब कोई ख़त ज़रूर आएगा,
उसको अवकाश हो गया होगा !

ज़िन्दगी जब जुआ बनी होगी,
आदमी ताश हो गया होगा !

रुक्मिणी को ख़बर नहीं होगी,
कृष्ण का रास हो गया होगा !

टूटी प्राचीन मूर्ति जैसा,
आज वह ' काश ' हो गया होगा !

ज़िन्दगी खोजने की कोशिश में,
आदमी लाश हो गया होगा !

सबकी चप्पल उतार दिन जिसने,
दूब की घास हो गया होगा !
-अतुल मिश्र

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