अतुल मिश्र
शहर में दंगे हुए हैं,
लोग अब चंगे हुए हैं,
एकता के नाम पर ही
आपसी पंगे हुए हैं .
आजकल कउए यहां पर
श्वेत रंग रंगे हुए हैं.
हैं सहज, हम साफ़-सुथरे
इसलिए नंगे हुए हैं.
शूल तो बस, शूल हैं पर
फ़ूल बेढंगे हुए हैं.
*** समाचार-विचारों की अंतर्राष्ट्रीय सेवा !!!! ***
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