Saturday, January 23, 2010

कम्बल-घोटाला ! अगर कफ़न होते सरकारी, पता चला, उसमें कर डाला !!




जबर-ख़बर 
        अतुल मिश्र 

कम्बल-घोटाला !
अगर कफ़न होते सरकारी, पता चला, उसमें कर डाला !!

"भारत-पाक संबंधों में सुधार हों !"
वक्तव्यों को लेकर कोई, कल को नहीं उधार हों !!

कृषि-मंत्री शरद पवार !
अब चीनी के बाद दूध भी, गायब करने को तैयार !!

कराहती जनता !
अपना मुंह भी सिल रक्खा है, देखें वोटर की सज्जनता !!

नसीहत !
तभी सार्थक लगती है जब, इससे पहले करें फ़जीहत !!

बहिष्कार !
जब कुछ काम नहीं होता है, तो यह कर लेते हैं, यार !!

वारदात !
वारदात करने वालों के, घर पर पुलिस सोई कल रात ??

सनसनी !
इसे और फैलाने लायक न्यूज़ बनी ??

खलबली !
नकली घी पर दबिश पड़ेगी, पहले क्यों ना पता चली ??

सराहना !
महंगाई में दब, जब वोटर, भूले सदा कराहना !!

जांच !
जिनकी जांच करी जानी है, वही कमेटी में हैं पांच !!

1 comment:

jamos jhalla said...

वाकई आज तो क़ातिल खुद ही मुंसिफ बना बैठा हे|अब फरयाद किससे करें|