क्यों आई छब्बीस जनवरी ?
अतुल मिश्र
ठिठुराई, छब्बीस जनवरी,
फिर आई, छब्बीस जनवरी,
'गुंडा-तंत्र-दिवस' कहलाकर
मुस्काई, छब्बीस जनवरी !
"तोहफे क्या है?", पूछा, बोली-
"महंगाई!", छब्बीस जनवरी !
जनता के आंसूं, आँखों में
भर लाई, छब्बीस जनवरी !
झुग्गी ने टी.वी. पर देखी
ग़म-खाई, छब्बीस जनवरी !
दर्द, वायदे और दिलासे,
दे पाई, छब्बीस जनवरी !
सिर्फ भाषणों में अंग्रेजी
सुन पाई, छब्बीस जनवरी !
दहशतगर्दों की धमकी से
घबराई, छब्बीस जनवरी !
नंगे बदन, भूख ने पूछा
"क्यों आई, छब्बीस जनवरी ?
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