Saturday, January 23, 2010

क्यों आई छब्बीस जनवरी ?



क्यों आई छब्बीस जनवरी ?
                            अतुल मिश्र 
ठिठुराई, छब्बीस जनवरी,
फिर आई, छब्बीस जनवरी,

'गुंडा-तंत्र-दिवस' कहलाकर 
मुस्काई, छब्बीस जनवरी !

"तोहफे क्या है?", पूछा, बोली-
"महंगाई!", छब्बीस जनवरी !

जनता के आंसूं, आँखों में 
भर लाई, छब्बीस जनवरी !

झुग्गी ने टी.वी. पर देखी
ग़म-खाई, छब्बीस जनवरी !

दर्द, वायदे और दिलासे,
दे पाई, छब्बीस जनवरी !

सिर्फ भाषणों में अंग्रेजी 
सुन पाई, छब्बीस जनवरी !

दहशतगर्दों की धमकी से 
घबराई, छब्बीस जनवरी !

नंगे बदन, भूख ने पूछा
"क्यों आई, छब्बीस जनवरी ?

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