रौशनी कौन घर लाएगा
Sunday, March 28, 2010 साहित्य
जो अंधेरे से घबराएगा,
वो उजाला ना कर पाएगा,
तुम निशा को वरण तो करो
कल सवेरा निकल आएगा !
सबने ठुकरा दिया था जिसे,
वो यक़ीनन संभल जाएगा !
रास्ते का मुसाफिर कोई
रास्ता कैसे बतलाएगा !
तुमने दुख चुन लिए हैं अगर,
सुख बहुत आज पछताएगा !
भाव शब्दों में बिकने लगे,
अब कोई गीत क्या गाएगा ?
जिसको मालूम है ज़िन्दगी,
वो हक़ीक़त पे पछताएगा !
हर घडी मर रहे हैं सभी,
ज़िन्दगी कौन अपनाएगा ?
सब कहीं आज मेहमान हैं,
रौशनी कौन घर लाएगा ?
-अतुल मिश्र
वो उजाला ना कर पाएगा,
तुम निशा को वरण तो करो
कल सवेरा निकल आएगा !
सबने ठुकरा दिया था जिसे,
वो यक़ीनन संभल जाएगा !
रास्ते का मुसाफिर कोई
रास्ता कैसे बतलाएगा !
तुमने दुख चुन लिए हैं अगर,
सुख बहुत आज पछताएगा !
भाव शब्दों में बिकने लगे,
अब कोई गीत क्या गाएगा ?
जिसको मालूम है ज़िन्दगी,
वो हक़ीक़त पे पछताएगा !
हर घडी मर रहे हैं सभी,
ज़िन्दगी कौन अपनाएगा ?
सब कहीं आज मेहमान हैं,
रौशनी कौन घर लाएगा ?
-अतुल मिश्र
No comments:
Post a Comment