Monday, March 29, 2010


रौशनी कौन घर लाएगा

Posted Star News Agency Sunday, March 28, 2010 
जो अंधेरे से घबराएगा,
वो उजाला ना कर पाएगा,

तुम निशा को वरण तो करो
कल सवेरा निकल आएगा !

सबने ठुकरा दिया था जिसे,
वो यक़ीनन संभल जाएगा !

रास्ते का मुसाफिर कोई
रास्ता कैसे बतलाएगा !

तुमने दुख चुन लिए हैं अगर,
सुख बहुत आज पछताएगा !

भाव शब्दों में बिकने लगे,
अब कोई गीत क्या गाएगा ?

जिसको मालूम है ज़िन्दगी,
वो हक़ीक़त पे पछताएगा !

हर घडी मर रहे हैं सभी,
ज़िन्दगी कौन अपनाएगा ?

सब कहीं आज मेहमान हैं,
रौशनी कौन घर लाएगा ?
-अतुल मिश्र

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