Monday, March 29, 2010

' माइंड ' करें माइंड में बातें




                            अतुल मिश्र  

    माइंड एक ऐसी जगह होती है, जो अंग्रेजी में दिमाग की जगह काम करता है और जहां बहुत सारी बातें 'माइंड'  करके स्टोर की जाती हैं. इसका इस्तेमाल सोचने में लोग कम और माइंड करने में ज़्यादा करते हैं. इससे एक तो यह बात साफ़ हो जाती है कि बन्दे के पास माइंड है, इसीलिये वह माइंड भी कर रहा है, वरना कहां से माइंड करता ? माइंड करने के लिए दुनिया में इतनी बातें घूम रही हैं कि हमें भी माइंड करके देखें एक बार. पसंद ना आयें तो दोबारा माइंड मत करना. बातें जब खुद तैयार हैं तो जिन्हें चाहे माइंड कर लो. माइंड करने में कौन सा किसी का पैसा ख़र्च हो रहा है, जो वह उन्हें ना करे ?
    कुछ लोग जन्मजात ऐसे पैदा होते हैं कि लोगों को यह बात कहकर माइंड कराते हैं कि " यार, माइंड मत करना. " अब आदमी भले ही उस घटिया बात को माइंड ना कर रहा हो, मगर रिमाइंड कराते ही  माइंड करना शुरू कर देता है. बीच-बीच में वह बंदा यह पूछता भी जाता है कि " आपने मेरी बात को माइंड तो नहीं किया ? कर लिया हो तो माफ़ कर दीजियेगा. " आदमी सिर हिलाकर यह कह देता है कि " अरे, नहीं. यह सब तो चलता है. " बंदा खुश कि आदमी ने माइंड करना शुरू कर दिया है. अपनी बात माइंड कराने के लिए रिमाइंड कराना भी बेहद ज़रूरी है, वरना बहुत से लोग बीवी से अलग, माइंड कहीं और होने की वजह से माइंड करना ही भूल जाते हैं.
    माइंड, जिसे कम पढ़े-लिखे होने की वजह से हम लोग दिमाग बोलते हैं, ज़रा-ज़रा सी बातों को माइंड कर लेता है. मसलन, किसी के बॉस ने अपनी खूबसूरत महिला-सेक्रेटरी को लाइन मारने की संभावनाओं को हमेशा के लिए ख़त्म करने की गरज से यह कह दिया कि " आप बहत ही कामचोर, जलील और गिरे हुए इंसान हैं. " तो सेक्रेटरी के सामने उस आदमी का खून खौल जाता है. बाद में अचानक बॉस का विवेक जाग्रत होता है और वह कह उठता है, " गुस्से में था ज़रा, इसलिए इतना कुछ कह गया. अब इसे माइंड करके मत रखना. " अधीनस्थ इस बात को माइंड करता हुआ केबिन से बाहर आ जाता है. 
    भतेरी बातें हैं, जो माइंड की जाने योग्य हैं और उन्हें हर हालत में माइंड किया भी जाना चाहिए, मगर कुछ लोग इतने बेशर्म भी होते हैं कि वे वास्तव में माइंड नहीं करते. वे चिकने घड़े बन जाते हैं. उनसे कुछ भी कह लें, वे मुस्कराते हुए अपने बॉस की बात का समर्थन ज़रूर कर देंगे कि " आप बिलकुल सही कह रहे हैं कि " मैं कामचोर, जलील गिरा हुआ इंसान हूं. " और इतना कहकर उसकी सेक्रेट्री की ओ़र ऐसे देखेंगे, जैसे कह रहे हों कि देखो, बॉस अपना वह परिचय दे रहे हैं, जिससे तुम ही क्या, हम भी पूरी तरह वाक़िफ हैं.

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