Sunday, March 21, 2010


स्टार न्यूज़ एजेंसी
नई दिल्ली. प्रख्यात पुराविद, कवि एवं लेखक स्वर्गीय सुरेन्द्र मोहन मिश्र की द्वितीय पुण्य तिथि है. स्टार परिवार से कर्मयोगियों ने आज दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय सुरेन्द्र मोहन मिश्र को श्रद्धासुमन अर्पित किए. जल्द ही स्टार न्यूज़ एजेंसी द्वारा स्वर्गीय सुरेन्द्र मोहन मिश्र की रचनाएं प्रकाशित करेगा. यह स्टार न्यूज़ एजेंसी की स्वर्गीय सुरेन्द्र मोहन मिश्र को श्रद्धांजलि होगी.

22 मार्च 1932 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के चन्दौसी में जन्मे सुरेन्द्र मोहन मिश्र की कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें गीत संग्रह, हास्य-व्यंग्य, इतिहास, ऐतिहासिक उपन्यास, ऐतिहासिक काव्य-खंड और शोध पर आधारित पुस्तकें शामिल हैं. उन्होंने प्राचीन सिक्कों और मूर्तियों को एकत्रित करके पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना की, जिसे बहुत सराहा गया.

प्रख्यात पुराविद, कवि एवं लेखक स्वर्गीय सुरेन्द्र मोहन मिश्र की द्वितीय पुण्य तिथि पर उनके पुत्र अतुल मिश्र की भावभीनी काव्यांजलि

जब भी करुण गीत गाते थे, पापाजी,
नयन सभी के भर जाते थे, पापाजी,

उनके बुतखाने के बुत भी रोते हैं,
जिनसे घंटों बतियाते थे, पापाजी !

जीवित लगते गुप्तकाल के शीर्ष उन्हें,
जिन्हें देखकर मुस्काते थे, पापाजी !

सिक्के, बर्तन और पुराने ग्रंथों का,
काल-विभाजन बतलाते थे, पापाजी !

इतिहासी खोजों में खोये रहते थे,
थके हुए जब घर आते थे, पापाजी !

मेरी मम्मी फूली नहीं समाती थी,
जब इतिहास संजो लाते थे, पापाजी !

देकर रंग-बिरंगे सुन्दर गुब्बारे,
बच्चों का मन बहलाते थे, पापाजी !

टीलों से उपलब्ध पुरा अवशेषों को,
कैसे संग्रह कर पाते थे, पापाजी ?

वंशावलियां लोगों की कंठस्थ रहीं,
जिनको अक्सर दोहराते थे, पापाजी !

जो प्रसिद्द थे, पुराशास्त्र के विज्ञानी,
उन विद्वानों को भाते थे, पापाजी !

काव्य, शोध, लेखन में जो निर्लिप्त रहे,
'संत पुराविद' कहलाते थे, पापाजी !

मैं जब करता खूब इज़ाफा संग्रह में,
पीठ प्यार से सहलाते थे, पापाजी !

' हर अवशेष पुराना, दुर्लभ होता है,'
मुझको अक्सर समझाते थे, पापाजी !

मुझे देखकर वो उदास, मेरे मन पर,
घने मेघ बन छा जाते थे, पापाजी !


अतुल मिश्र, सुरेन्द्र शर्मा, सुरेन्द्र मोहन मिश्रा, शरद जोशी, राजेन्द्र माथुर और कन्हैया लाल नन्दन

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