निष्कासन पर बोले अमर !
पानी में डूबी देखी थी, हमने सिर से पूर्व कमर !!
निष्कासन पर मुलायम का धन्यवाद !
कभी ज़रूरत पड़ गई, तो कर लेना याद !!
उत्पादन बढ़ाएं !
महंगे बीज कहां से लाएं ??
तभी थमेगी महंगाई !
एक वक़्त जब खाना खाएं, हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई !!
भगवा दलों में तकरार !
जली आग में देशी घी का, काम कर रहे हैं अखब़ार !!
राहुल से खिन्न शिवसेना !
यह अपनी आदत भी है ना ??
ड्रामेबाजी !
यह भी राजी, वह भी राजी, फिर क्यों लाये बीच में काजी ??
नियम-अवहेलना !
नियम इसी के लिए बने हैं, कि इनको मत झेलना !!
हाथापाई !
हाथ सभी के टूट गए जब, तब नौबत पैरों की आई !!
घर जला !
जो घर का चिराग था, वो ही, जाने क्यों यह काम कर चला ??
बंटवारा !
यह दीवार तुम्हारे हिस्से, आंगन सब हो गया हमारा !!
-अतुल मिश्र
पानी में डूबी देखी थी, हमने सिर से पूर्व कमर !!
निष्कासन पर मुलायम का धन्यवाद !
कभी ज़रूरत पड़ गई, तो कर लेना याद !!
उत्पादन बढ़ाएं !
महंगे बीज कहां से लाएं ??
तभी थमेगी महंगाई !
एक वक़्त जब खाना खाएं, हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई !!
भगवा दलों में तकरार !
जली आग में देशी घी का, काम कर रहे हैं अखब़ार !!
राहुल से खिन्न शिवसेना !
यह अपनी आदत भी है ना ??
ड्रामेबाजी !
यह भी राजी, वह भी राजी, फिर क्यों लाये बीच में काजी ??
नियम-अवहेलना !
नियम इसी के लिए बने हैं, कि इनको मत झेलना !!
हाथापाई !
हाथ सभी के टूट गए जब, तब नौबत पैरों की आई !!
घर जला !
जो घर का चिराग था, वो ही, जाने क्यों यह काम कर चला ??
बंटवारा !
यह दीवार तुम्हारे हिस्से, आंगन सब हो गया हमारा !!
-अतुल मिश्र
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