Tuesday, January 26, 2010




तालाबंदी जारी !
ताले बोले,"बात तालियों, ने ना बिलकुल सुनी हमारी !!"

हड़ताल का असर !
रोगी अस्पताल में, म्रत्यु-पूर्व कर रहे गुज़र-बसर !!

अर्थी पर रखा मुर्दा बेचा !
रिश्तेदारों ने अंगों के, संग उसका हर गुर्दा बेचा !!

पुनर्निर्माण !
जैसे किसी मरे प्राणी में, वापस डाले जाएं प्राण !!

कॉलेज में फ़ोर्स !
गयी देखने, वाकई कैसे, पूरा होता इनका कोर्स ??

कार्यक्रम !
कार्य सही होने का, जिसमें रहता है भ्रम !!

रूपरेखा !
केवल कुछ रेखाएं देखीं, उनका रूप तलक ना देखा !!

तालमेल !
ताल ठोंककर, बेचें नकली, जब थाने के सम्मुख तेल !!

तनाव !
जब ऊपर से 'ऊपर वाली', इनकम हेतु पड़े दबाव !!

छापे !
जिन्हें पता था, निकल लिए वो, जिन्हें नहीं मालूम वे नापे !!

सबूत !
हत्यारे का नाम बताने, पहुंचा कोर्ट मृतक का भूत !!
-अतुल मिश्र


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