Thursday, December 17, 2009




महंगाई से परेशानी !
हवा चबाकर, पी लें पानी ??

बेतहाशा बढीं कीमतें !
आसमान की जगह घरों की, चटक गयी हैं कई छतें !!

कसा शिकंजा !
अब तू दिखा, लड़ाकर पंजा !!

अनशन जारी रहेगा !
भूख पर भारी रहेगा ??

बहिष्कार !
कार्य नहीं करने का सबको, लोकतंत्र में है अधिकार !!

मांगा भुगतान !
भुगत लिया सबसे अपमान ??

परमाणु बम !
अपने इस्तेमाल के डर से, रहती हैं इसकी आंखें नम !!

जागरूकता !
लोगों को जगवाकर बंदा, सोने से नहीं चूकता !!

ईरान !
दुनिया की बातें सुनने को, इस्तेमाल कर ही मत कान !!

व्यापारी !
व्यापारी-नेता बनकर तू, अपने काम करा सरकारी !!

ख़फ़ा !
राजनीति में हो जाता है, इससे अक्सर बड़ा नफ़ा !!
-अतुल मिश्र


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