गला फाड़कर गायें, हमारे ठेंगे से !
अतुल मिश्र
आप मंच पर आयें, हमारे ठेंगे से,
कुछ भी पढकर जाएं, हमारे ठेंगे से,
हमको जो भी कहना था, वो कह डाला
आप अर्थ समझाएं, हमारे ठेंगे से !
अपनी कविता दो घंटे में पूरी की,
सब बैठे सुस्तायें, हमारे ठेंगे से !
संयोजक ने हमें बुलाकर ग़लती की,
अब भुगतें, भुगताएं, हमारे ठेंगे से !
जिसने तुकबंदी को 'नवगीत' कहा,
गला फाड़कर गायें, हमारे ठेंगे से !
बिना छंद, बेसुरे राग में गाकर भी,
गीतकार कहलायें, हमारे ठेंगे से !
भ्राता-ज्येष्ठ, जिन्हें हम पहले मान चुके,
हमें 'गधा' बतलायें, हमारे ठेंगे से !
करुणा-रस के गीत हमारे पड़ते ही,
श्रोतागण हँस जाएं, हमारे ठेंगे से !
1 comment:
हम आपसे इसकी बहर जानना चाहते हैं
आप बताए ना बताए हमारे ठेंगे से :)
नहीं जी सच में जानना चाहते हैं
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