Saturday, December 12, 2009




राज्यों का बंटवारा !
फिर यह होगा, दो हिस्सों में, बांट दीजिये शहर हमारा !!

शान्ति के लिए युद्ध !
शांत स्वयं ही हो जाता है, निश्चित एक समय पर क्रुद्ध !!

अमेरिका-चीन वार्ता !
कोई किसी को, इस दुनिया का, 'बाप' नहीं स्वीकारता !!

मुआवज़ा !
पहले देने की बातें कर, फिर तू उसको दाब जा !!

धोखाधड़ी !
जिस जनता के साथ हुई है, देख रही है खड़ी-खड़ी !!

ग़रीब की जेब !
जैसे किसी युवा विधवा के, पैरों से गायब पाजेब !!

मुनाफ़ा !
सरकारी वेतनभोगी को, ऊपर से जो मिले लिफ़ाफ़ा !!

तेलंगाना !
अलग राज्य बन जाए अगर तो, उसमें से फिर चार बनाना !!

विद्रोह !
तब होता है, जब शरीर से, प्राण ख़त्म कर देते मोह !!

न्याय !
यह उस पर निर्भर करता है, कि वो कितने में बिक जाय ??

गुहार !
काम निकलवाने को केवल, नोट उठाकर मुंह पर मार !!
-अतुल मिश्र