तेलंगाना : अलग राज्य बन जाए अगर तो, उसमें से फिर चार बनाना
Friday, December 11, 2009 ख़बरों की ख़बर
फिर यह होगा, दो हिस्सों में, बांट दीजिये शहर हमारा !!
शान्ति के लिए युद्ध !
शांत स्वयं ही हो जाता है, निश्चित एक समय पर क्रुद्ध !!
अमेरिका-चीन वार्ता !
कोई किसी को, इस दुनिया का, 'बाप' नहीं स्वीकारता !!
मुआवज़ा !
पहले देने की बातें कर, फिर तू उसको दाब जा !!
धोखाधड़ी !
जिस जनता के साथ हुई है, देख रही है खड़ी-खड़ी !!
ग़रीब की जेब !
जैसे किसी युवा विधवा के, पैरों से गायब पाजेब !!
मुनाफ़ा !
सरकारी वेतनभोगी को, ऊपर से जो मिले लिफ़ाफ़ा !!
तेलंगाना !
अलग राज्य बन जाए अगर तो, उसमें से फिर चार बनाना !!
विद्रोह !
तब होता है, जब शरीर से, प्राण ख़त्म कर देते मोह !!
न्याय !
यह उस पर निर्भर करता है, कि वो कितने में बिक जाय ??
गुहार !
काम निकलवाने को केवल, नोट उठाकर मुंह पर मार !!
-अतुल मिश्र
3 comments:
nice
vry nice
जय हो !!
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