Saturday, October 31, 2009

Teesra Netra !

शौहर के मातम में बीवी किसी का ऐसा शौहर मर गया, जो एक आदर्श शौहर था. आदर्श वह इस मायने में था कि वह मोहल्ले कि औरतों को कन्नी निगाहों से भले ही देखता हो, आँखें उठा कर कभी नहीं देखता था. इसीलिए कन्नी निगाहों से देखने वालों में उसका अच्छा-खासा सम्मान था .आज मोहल्ले के तमाम वे लोग उसके घर शोक ज़ाहिर करने पहुँच गए थे, उसके जिंदा रहते जिनकी मजाल नहीं थी कि उसके दरवाजे की तरफ निगाहें उठा कर भी देख लें. बड़ी तादाद में वे औरतें भी उसके जनाजे कि तैयारियों में मौजूद थीं और उसके शरीफ होने के हवाले दे रही थीं, जिन्हें वह सिर्फ कन्नी निगाहों से ही देख कर अपने काम पर निकल लिया करता था. शौहर की लाश के पास ही उसकी ताजा-ताजा बेवा हुई बीवी भी बैठी थी और इतने सुर और लय-ताल के साथ रो रही थी कि अगर यही सुर-ताल वह अपनी कर्कश आवाज में रखती तो यकीनन उसका शौहर अभी और जिंदा रह लेता. शौहर की खामोश पड़ी लाश पर वह बार-बार अपने दोनों हाथ मारकर जिन चूडियों को पहले ही तोड़ चुकी थी, अब उनका कचूमर निकाल कर रोने में व्यस्त थी. "हाय, क्या हो गया तुम्हें ? कुछ बोलते क्यों नहीं ? मुझे भी अपने साथ ही ले जाते ..... क्यों छोड़ गए ? हाय, अब मेरा क्या होगा ? " हमारे मुल्क में लाश के सीने पर दस-बीस घूंसे जब तक उसकी बीवी न मार ले,तब तक लगता नहीं कि मातम की रस्म पूरी तौर पर निभा ली गयी है. इसी पारंपरिक भावना के तहत बीवी ने शौहर के सीने पर इतने घूंसे अबतक मार लिए थे कि अगर शौहर की लाश में थोडी सी भी गैरत मौजूद होती तो फ़ौरन उठ कर अपनी बीवी कि गर्दन पकड़ लेती कि " कमबख्त, चैन से मरने भी नहीं देगी अब ? " "चलिए अब जो हो गया, सो हो गया. ऊपर वाले को शायद यही मंज़ूर हो ! " ऊपर वाले कि मंजूरी में अपने लिए कुछ नई संभावनाएं तलाश रहे पडोसी ने मृतक की बीवी को अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते हुए तसल्ली दी. ".......अब मेरा क्या होगा.........हाय ? " लाश के सीने पर अब धीरे से हाथ मार कर बात कर रही बीवी ने पडोसी कि ओ़र देखते हुए अपनी पीडा ज़ाहिर की. अपने शौहर के मातम पर उसकी लाश से यह सवाल करने वाली बीवी एक महीने बाद उसी पडोसी के साथ किसी मॉल में अपने लिए शौपिंग करती हुई देखी गयी. शौहर की लाश से पूछा गया सवाल अब हल हो चुका था.

4 comments:

कुमार नवीन said...

'तीसरा नेत्र' अच्‍छा लगा । अतुल जी, आपका ब्‍लॉग दिनोंदिन बहुत अच्‍छा होता जा रहा है । बधाई स्‍वीकारें । - कुमार नवीन, पटना

अतुल मिश्र said...

Dhanyavaad, Navin Ji !! Aapka Sneh Bhi Ismen Shaamil Hai !!

NISHEETH KAVI said...

Teesre netra ka ek naya pahalu dikhane ke liye sadhuvad.
-UMESHWAR DUTT"NISHEETH"

VIJAY ARORA said...

रजनी ने पति के मरने के दस दिन बद ही शादी कर ली दूसरी
लोगो ने पूछा ये क्या ,बोली
वो कह गए थे तुम्हे भगवान के भरोसे छोड़ कर जा रहा हूँ
इस लिए मैंने भगवान[ सिंह ]से शादी कर ली
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