तलाक लेने के लिए शादी की शर्त पहली होती है। कोर्ट ने भी यही बात तय की है कि जो लोग तलाक ले रहे हैं, वे तलाक भी ले रहे हैं या नहीं और अगर हैं तो वे तलाक जैसी चीज क्यों लेना चाहते हैं? तलाक की अर्जी दाखिल करने के बाद शादी के दस्तावेज का सबूत भी अदालत चाहता है कि वे उसे मिलें। तलाक एक अनोखा मामला है, जो मियां-बीवी एक-दूसरे को बिना किसी खर्चे के दे सकती है। थोड़ा बहुत खर्चा जो होता है, उन वकीलों के पास से पता चलता है, जो तलाक लेने वालों के पास फिर से रहते हैं और किसी भी वकील या खातून से कभी भी जापानी जाते हैं, "और ख़ैरियत तो हैं?" कोई वकील अगर यह पूछ ले, तो साथियों को समझ लेना चाहिए कि अब खैरियत के जो दिन हैं, वे गांव वाले हैं। '
''क्या ख़ैरियत है, वक़ साहब, इस दूसरे शौहर ने लाइव फिल्म बनाई है । ' ' की कला में माह वॉक का प्रश्न होता है और जो क्यों और क्या की बातें जानकारी करने के दावे से सत्यता होती है।''मन भर गया इस आदर्श से । ''"क्या हुआ ?" इससे भी झगड़ा हुआ क्या? किसी भी मैचलू महिला से अगर यह सवाल पूछा जाए, तो उसका उत्तर क्या होगा, इस बात से अच्छी तरह वाक़िफ़ वक़ील अपनी और उसकी तस्लीम के लिए छूट । झगड़ा क्या चाहता है? हाँ, इतना ज़रूर है कि कितना ही चिल्ला लो, कितना ही चिल्ला लो, कुछ ही बोलो ही नहीं।पहले वाला कम से कम जवाब तो देता था। ये तो बेशर्मों की तरह हंसता ही रहता है।” तलाक लेने की पूर्वभूमि पर बनी कर रही खातून अपने दुखों की फेहरिस्त का पहला जुमला बताती है।
“तो ये भी लगा?” तलाक-एक्सपर्ट माने जाने वाले वकील का यह सवाल इस उम्मीद में है कि वह 'हां' करे, तो जल्दी से मुनीम को अपनी अर्ज़ी तैयार करवा लें। ऐसे कैसे छोड़ें वास्तु शास्त्र? वा तलाक़ लूँगी।” तलाक लेने की शौक़ीन खातून की आवाज़ के साथ तलाक़ लेने की आवाज़ वापस आती है, उसी वकील के चैंबर पर कुछ शौहर बने लोग अपने साथ लेकर चलते हैं। "तो मामला इतना आगे बढ़ गया कि नौबत तलाक तक आ गई?" यह भी पता चला है कि वकील शाहर ने एक सरसरी नागपुर शिप में लोगों से जुड़कर अपना फेयरज प्ले प्रश्न पूछा है। कोई ख्वाहिश की हो या कभी इस क़दर को मारा हो। “तलाक के जिन-चुने जादू में से कुछ मुद्दे पर उसकी च्वाइस के लिए उसने सामने वकील ने कहा।”
''इसमें से तो मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही है.मैं और सोचती हूँ कि क्या बात हो सकती है? ''खातून अपने सिर के उस हिस्से पर जोश डालता है, जहां दिमाग का इलाज किया जाता है और जो तकनिकी की वजह से खाली भी हो सकता है। "कोई बात नहीं, बहुत मुश्किल है, आराम से सोचा घर लो और अपनी माँ से भी पूछ लो, वो तो खाना है इन मामलों में।" ''आपकी कोई खसम छूट गई उनकी मां की यादें ताजा करते हुए वकील ने सलाह दी।'' यह बात तो मैं भूल गया। अम्मी से बेहतर और कौन बता सकता है?” अपनी अम्मी से अपने लिए तलाक लेने की सीख की गर से खातून के पैर उस मां के घर की तरफ चल रहे हैं, जिसने खुद उसे कई मरतबा से समझाया था कि "बेटा, औरत ही औरत की दुश्मन होती है।"
अतुल मिश्र